भाषा एवं साहित्य >> पीढ़ी का दर्द पीढ़ी का दर्दसुबोध श्रीवास्तव
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संग्रह की रचनाओं भीतर तक इतनी गहराई से स्पर्श करती हैं और पाठक बरबस ही आगे पढ़ता चला जाता है।
पीढ़ी का दर्द
अनुक्रम
- पीढ़ी का दर्द
- अपनी बात
- कवि और कविता
- लाल किला
- चीख़ना मना है !
- हवा गवाह है
- भूकंप
- धर्म
- कर्फ्यू
- त्रासदी
- बापू से
- बदला मौसम
- सूरज का दर्द
- ओ आदमी !
- चीख़
- मेरा इरादा नहीं है
- तुमने कहा
- करता रहूँगा इन्तज़ार
- कालचक्र
- दृष्टिकोण
- सलाह
- मजदूर सा सूरज
- सिलसिला
- कठपुतलियां
- चाहत
- अनाम होता बच्चा
- अस्पताल
- आदमियत
- यथार्थ
- एहसास
- हँसो
- शिल्पकार
- खबरची
- शहर
- लहरें पुकारती हैं !
- पहाड़
- अनाम देवता से
- कविता के लिए
- दर्द अपना
- वक्त आदमी नहीं
- खण्डहर सा मैं
- पीढ़ी का दर्द
- दर्द
- ज़िन्दगी
- भविष्य
- भोगा हुआ यथार्थ
- तुम्हारे नाम
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